तकदीर


मेरी ज़िन्दंगी एक कहानी
कैसे कहु यारा ये कहानी बतादे तु
तुज बिन अधूरी लगे ये कहानी
जिन्दगी के हर ख्वाइस हे इस कहानी मे
पुरी होती नहीं हे ये खवाइसे
यार कैसे कहु मे केसी तकदीर मेरी?
तकदीर का दूजा नम हे जिन्दगी

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